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गांव की बेटी बैज्ञानिक बन अब डीआरडीओ में करेगी रिसर्च-


कुल पांच पदों में शिखा त्रिपाठी ने इंटरब्यू पास कर दर्ज कराया अपना नाम-

साधारण परिवार में पल बढ़कर देश सेवा का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए दिनरात एक करने वाली बेटी ने रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) के
वैज्ञानिक विश्लेषण समूह(SAG) में रिसर्च एसोसिएट पर स्थान पाकर जनपद का ही नही अपितु प्रदेश का नाम रोशन कर दिया।

अमौली विकास खण्ड के कुलखेड़ा निवासी मनोज त्रिपाठी नलकूप विभाग में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। मनोज त्रिपाठी की बेटी शिखा त्रिपाठी ने दशवी तक की शिक्षा गफूर एजुकेशन सेंटर अमौली से 89℅ अंको के साथ उत्तीर्ण की और इंटर मीडिएट विकास विद्या मंदिर इंटर कॉलेज जहानाबाद से 93.6%अंक हासिल किया । तथा स्नातक पीपीएन डिग्री कॉलेज कानपुर से मैथेमेटिक्स डिपार्टमेंट से प्रथम रैंक के साथ उत्तीर्ण किया था।
इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में आल इंडिया 77 वीं रैंक के साथ पास करके मैथेमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग विषय में 86℅ के साथ एमएससी उत्तीर्ण की। तत्पश्चात ऑल इंडिया 110 रैंक के साथ राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा(नेट) और गेट की परीक्षा पास की। इसके बाद आइआइटी मंडी हिमांचल प्रदेश में पीएचडी के लिए चयन हुआ । पर सपना कुछ और बड़ा करने का था जिसके चलते दाखिला नहीं लिया। शिखा अपने घर मे सदैव इसरो व डीआरडीओ में रिसर्च कर देश सेवा करने का अवसर प्राप्त करने की बात करती रहती थी। डीआरडीओ का इंटरब्यू देने के बाद शनिवार को घर पर ज्वाइनिंग लेटर आया।
रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) के
वैज्ञानिक विश्लेषण समूह(SAG) में रिसर्च एसोसिएट के पद पर ज्वाइनिंग लेटर आने के बाद शिखा त्रिपाठी अपने लक्ष्य पर सफलता प्राप्त करते ही पहली सूचना अपनी माँ मधू त्रिपाठी को दी । जिसके बाद बाबा सिद्धगोपाल त्रिपाठी,शिव गोपाल त्रिपाठी, दादी सुमित्रा त्रिपाठी, विवेक त्रिपाठी, जितेंद्र त्रिपाठी,वीरेन्द्र त्रिपाठी, शिवम,हरिओम,राधिका, सहित बधाई देते हुए मुंह मीठा कराने वालों की भीड़ लगी रही।

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